सुबह जल्दी जगने वालों के मुकाबले रात में जगने वालों में मधुमेह और चयापचयी समस्याओं का खतरा अधिक होता है चाहे दोनों ने बराबर मात्रा में ही नींद क्यों न ली हो । यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई है । अध्ययन रिपोर्ट के लेखकों में से एक नान ही किम ने कहा, ‘जो लोग रात में देर से सोते हैं उनमें सुबह जल्दी जगने वालों के मुकाबले मधुमेह या मांसेपशियों संबंधी समस्याओं का अधिक खतरा होता है ।’
किम ने कहा, ‘यह रात में जगने वालों की प्रवृत्ति के चलते नींद की खराब गुणवत्ता और धूम्रपान, देर रात में खाना खाने और सुस्त जीवनशैली के चलते हो सकता है ।’ अध्ययन में 1,620 लोगों को शामिल किया गया और उनकी सोने की आदतों तथा चयापचय प्रक्रिया का अध्ययन किया गया । रिपोर्ट के परिणाम एंडोक्राइन सोसाइटी की ‘क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म’ पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं ।