वसा युक्त भोजन ही नहीं, बल्कि प्रदूषण से भी मोटापे का खतरा है। एक नए अध्ययन के मुताबिक वातावरण में मौजूद कुछ प्रदूषक तत्व मोटापा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। स्पेन के ग्रेनाडा विश्वविद्यालय के अध्ययन के मुख्य लेखक जुआन प्रेडो एरेबोला ने कहा। वैसे व्यक्ति जिनके शरीर में स्थायी जैविक प्रदूषक (पीओपी) की मात्रा अधिक पाई गई, वे मोटापे से अधिक ग्रस्त थे और उनके शरीर में कोलेस्ट्रॉल व ट्राइग्लिसराइड की मात्रा भी अधिक मिली।
ये कारक हृदय रोगों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 300 महिलाओं व पुरुषों के वसा ऊतकों (एडिपोज टिश्यू) में जमा प्रदूषक तत्वों का विश्लेषण किया। उल्लेखनीय है कि पीओपी बिना नष्ट हुए वातावरण में दशकों तक मौजूद रह सकता है। एरेबोला ने कहा, पीओपी के संपर्क में मानव मूलत: आहार के माध्यम से आते हैं। पीओपी धीमे-धीमे शरीर के वसा उतकों में जमा होता जाता है। जटिल सांख्यिकीय पद्धतियों की मदद से वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की है कि शरीर में जमा पीओपी का संबंध मोटापे तथा रक्त में कोलेस्ट्रॉल तथा ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर से है। यह अध्ययन पत्रिका ‘एनवायरन्मेंटल पॉल्यूशन’ में प्रकाशित हुआ है।
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