अमलतास की फलियां कई रोगों में उपयोगी, अमरूद के पत्ते छालों में लाभकारी

अमलतास की फलियां कई रोगों में उपयोगी होती हैं।  यह कब्ज, बार-बार बुखार और भोजन में अरुचि की समस्या को दूर करती हैं।
फली: इसकी फली के 4-5 लंबे टुकड़े कर लें। इन्हें कुछ समय के लिए पानी में भिगो दें। फिर गुलाब की पत्तियां, मोटा कुटा सौंफ व हरड़ को भी भिगोने के बाद इसे आधा लीटर पानी में उबालें। जब पानी पाव भर रह जाए तो इसे छानकर गुनगुना होने पर रात को सोने से पहले पी लें। इससे कब्ज और पेट की तकलीफ दूर होती है। फली न मिले तो पंसारी की  दुकान से अमलतास का गूदा ले सकते हैं।
यह भी आजमाएं
इसकी 1/2 किलो फलियों को कूटकर 1 किलो नींबू के रस में दो दिन के लिए भिगो दें। साफ कपड़े से छानकर इसमें दालचीनी, छोटी व बड़ी इलायची के दाने, काली मिर्च, गाय के घी में भुनी हींग और सौंठ (सभी 20-20 ग्राम की मात्रा में ) मिला लें। इसमें काला व सेंधा नमक, पिसा जीरा स्वादानुसार मिलाकर 1-2  चम्मच रोजाना लेने से कब्ज, बुखार और भूख न लगने की समस्या दूर होती है।
अमरूद के पत्ते छालों में लाभकारी
अमरूद का फल ही नहीं पत्ते भी लाभकारी हैं। आइए जानते हैं इनके फायदों के बारे में। दांतदर्द और मसूढ़ों की सूजन में आराम के लिए इसके 15-20 ताजा पत्ते पानी में उबालें। जब  पानी आधा रह जाए तो इसमें सेंधा नमक या फिटकरी मिलाएं और ठंडा होने पर कुल्ला करें। अमरूद के पत्तों पर कत्था लगाकर चबाने से मुंह के छाले ठीक होते हैं।
माइग्रेन के दर्द में इसके पत्तों का लेप सूर्योदय से पहले माथे पर लगाने से आराम मिलता है। गठिया रोगी इसके कुछ पत्तों को पीसकर दर्द वाली जगह पर लेप लगाएं। अमरूद के कुछ पत्तों को पानी में उबालें व इन्हें पीस लें। इस लेप को फुंसियों पर लगाने से आराम मिलेगा।  अमरूद के पत्तों से तैयार किए गए 10 ग्राम काढ़े को पीने से जी घबराने और उल्टी की समस्या नहीं रहती।