अगर आपका गला बार-बार खराब, आवाज में खराश, पेट व सीने में जलन बनी रहती है तो है इन सबका कारण एसिडिटी भी हो सकती है। भोजन नली अपने निचले सिरे पर एक स्फिंक्टर द्वारा आमाशय में खुलती है जिससे होकर भोजन नीचे उतरता है और फिर से ऊपर नहीं आ सकता। लेकिन कभी-कभी स्फिंक्टर के ठीक से काम न करने या आमाशय में अधिक एसिड बनने पर यह अपनी दिशा के विपरीत ऊपर भोजन नली व गले में आ जाता है। लेटे रहने पर यह समस्या बढ़ जाती है। कई बार एसिड मुंह और नाक तक पहुंच जाता है।
परेशानी : सोते समय खांसी, गले में कुछ चुभना, निगलने में तकलीफ, छाती, सीने व गले में जलन व दर्द और दांतों का खराब होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
ध्यान रहें ये बातें
सोने से करीब 3-4 घंटे पहले भोजन कर लें। इस दौरान गरिष्ठ खानपान से परहेज करें।
एक बार में अधिक खाने की बजाय थोड़ा-थोड़ा करके खाएं।
ज्यादा मिर्च-मसालों व खट्टी चीजों से परहेज करें। चाय, कॉफी व कोल्ड ड्रिंक का अधिक मात्रा में प्रयोग न करें। शराब से बचें।
एंटीबायोटिक व दर्द निवारक दवा अपनी मर्जी से न लें क्योंकि ये एसिडिटी बढ़ा सकती हैं।
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