जब किसी के शरीर में रक्त-प्रवाह सामान्य से कम हो जाता है तो उसे निम्न रक्तचाप या लो ब्लड प्रेशर कहते है। नार्मल ब्लड प्रेशर 120/80 होता है। थोड़ा बहुत ऊपर-नीचे होने से कोई फर्क नही पड़ता। लेकिन, यदि ब्लड प्रेशर 90 से कम हो जाए तो उसे लो ब्लड प्रेशर कहते हैं।
अक्सर लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते। जबकि लो ब्लड प्रेशर में शरीर में ब्लड का दबाव कम होने से आवश्यक अंगों तक पूरा ब्लड नही पहुंच पाता जिससे उनके कार्यो में बाधा पहुंचती है। ऐसे में दिल, किडनी, फेफड़े और दिमाग आंशिक रूप से या पूरी तरह से काम करना भी बंद कर सकते हैं। आइए जानें क्या है लो ब्लड प्रेशर के कारण-
दिल की बीमारी
ब्लड प्रेशर कम होना दिल की गंभीर बीमारी से जुड़ा होता है, दिल की बीमारी से हार्ट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे हार्ट पर्याप्त खून को पम्प नहीं कर पाता और हमारा बीपी लो रहने लगता है। दिल के मरीजों और एनीमिया के शिकार लो बीपी को लेकर सावधान रहें।
आर्थोस्टेटिक हाइपरटेंशन टाइप
इसमें मरीज को खड़े होने पर चक्कर आते हैं, क्योंकि उसका ब्लड प्रेशर एकदम से 20 पॉइंट नीचे आ जाता है। यह नर्वस सिस्टम पर आधारित होता है। लेकिन कई बार दवाओं के साइड इफेक्ट से या एलर्जी से भी हो सकती है।
इसके अलावा शरीर के अंदरूनी अंगों से खून बह जाने या खून की कमी से, खाने में पौष्टिकता की कमी या अनियमितता से, लंग या फेफड़ों के अटैक से, हार्ट का वॉल्व खराब हो जाने से लो बीपी हो सकता हैं। अचानक सदमा लगने, कोई भयावह दृश्य देखने या खबर सुनने से भी लो बीपी हो सकता है।
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