छठ का पर्व आज देशभर में महाउत्सव के रूप में मनाया जाता है। छठ पूजा के दिन भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा के चार दिनों के दौरान सूर्य और छठी माता की पूजा करने वाले लोगों की हर परेशानी दूर होती है जबकि मनोकामनाएं पूरी होती हैं। छठ पूजा के व्रत से कई प्रकार के रोगों का भी सफाया होता है। स्किन प्रॉब्लम और आंखों के विकार के लिए यह पर्व खासकर बहुत लाभदायक होता है। इस पर्व की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये पर्व लगातार चार दिनों तक चलता है। चौथे और अंतिम दिन उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद इस महापर्व का समापन होता है।
छठ पर्व की तैयारियों में व्यस्त लोगों से बाजार भरे पड़े हैं। छठ मैया को प्रसन्न करने के लिए लोग इस दौरान घर की साफ सफाई करने के साथ ही नए कपड़ों की खरीदारी भी करते हैं। लेकिन आपको बता दें कि साफ कपड़े पहनने के साथ ही प्रसाद को भी सफाई से बनाने की जरूरत है। आज हम आपको ऐसी कुछ बाते बता रहे हैं जिन्हें आपको प्रसाद बनाते वक्त खास ध्यान में रखना है। आइए जानते हैं क्या हैं वो बातें
- भोजन हल्का, शाकाहारी और शुद्ध देसी घी में ही बना होना चाहिए। अगर आप चाहे तो साफ तेल में भी खाना बना सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि छठ के दौरान घर में किसी भी तरह का मांसाहारी या तामसी भोजन ना बने।
- खाने में जरा सा भी प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। आप खाने में जीरे या फिर किसी और बीज का छौंक प्रयोग भी कर सकती हैं। बेहतर होगा कि छौंक के लिए प्याज और लहसुन को इस्तेमाल ना करें।
- छ्ठ पूजा के दौरान शराब या सिगरेट का सेवन भी नहीं करना चाहिए। अगर कोई बाहर का व्यक्ति आकर आपके घर में ऐसा करता है तो आपको उसको भी ऐसा करने के लिए मना करना है।
- अगर आप छठ मैया को वाकई प्रसन्न करना चाहते हैं तो बिना नहाए और हाथ-पैर धोएं पूजा के प्रसाद को बनाना तो बनाना तो दूर, हाथ भी ना लगाएं।
- अगर संभव है तो खाने में केवल सेंधा नमक का ही प्रयोग करें।
- प्रसाद बनाने की प्रक्रिया के दौरान मुंह में कुछ भी ना रखें। खासतौर पर नमक या नमक से बनी चीजों से दूर ही रहें।
- सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद ही खाना खाएं।
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