सतर्कता बरतकर करें स्वाइन फ्लू से बचाव, जानें कुछ खास बातें

देशभर में महामारी का रूप लेती जा रही है स्वाइन फ्लू बीमारी। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हाल ही जारी आंकड़ों के अनुसार इस साल अब तक स्वाइन फ्लू से लगभग एक हजार लोगों की मृत्यु व 22 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। पिछले साल अगस्त में भारत में इससे 265 लोगों की मौत व 1786 मामले संक्रमण के सामने आए थे। इस रोग के कारण फिलहाल महाराष्ट्र में 437, गुजरात में 269, केरल में 73 और राजस्थान में 69 मरीजों की मौत हो चुकी हैं। सरकार व स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इससे निपटने के लिए रोग क्या है, कैसे फैलता है, क्या सावधानी बरतें और उपचार के विकल्पों के बारे में जानना होगा।

क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू एच1एन1 टाइप के वायरस से फैलने वाला रोग है। यह तेजी से फैलकर नाक, फेफड़ों व गले पर असर करता है। 2009 में यह वायरस पूरी दुनिया में फैला था, तब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित किया था। हालांकि इससे घबराने की जरूरत नहीं, समय पर लक्षणों की पहचान कर इलाज लेने से रोग पर काबू पाया जा सकता है। लेकिन देरी होने पर यह वायरस बुखार, खांसी और सांस में तकलीफ को बढ़ा सकता है और निमोनिया का कारण भी बनता है। श्वांस तंत्रिका के कार्य बंद कर देने से मौत भी हो सकती है।
संक्रमण व सावधानी
यह वायरस संक्रमित व्यक्तिके खांसने, छींकने, हाथ मिलाने व गले मिलने से फैलता है। इस दौरान मुंह और नाक से निकली छोटी बूंदों से यह वायरस फैलता है। वहीं यह वायरस स्टील या प्लास्टिक में 24-38 घंटे, कपड़ों में 8-12 घंटे, टिश्यु पेपर में 15 मिनट तक और हाथों में 30 मिनट तक सक्रिय रहता है।
बचाव : साफ-सफाई रखें। शुरुआती लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं व दूसरों से एक मीटर की दूरी बनाकर रखें। बीमार होने पर स्कूल, ऑफिस, मंदिर या सार्वजनिक जगह पर जाने के बजाय घर पर रहें। हाथों को साबुन-पानी से दिन में कई बार धोएं। छींकते समय रुमाल या टिश्यु पेपर प्रयोग में लें। टिश्यु पेपर को खुले स्थान में न फेकें। आंख, नाक व मुंह बार-बार न छुएं, न ही हाथ मिलाएं। लिक्विड डाइट लें। रोगी के परिजन मुंह पर मास्क लगाकर रखें।
ये सावधानी बरतें : कमजोर इम्युनिटी, 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, लिवर, किडनी, डायबिटीज, दमा व एड्स के रोगी, नवजात शिशु व छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाएं बचाव के तरीकों को अपनाएं।
इलाज के तरीके
एंटीवायरल दवाएं टेमीफ्लू व रेलंजा के अलावा कफ सिरप व पैरासिटामॉल देकर लक्षणों में कमी लाते हैं। वहीं आयुर्वेद में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए योग ? करने और गिलोय, नीम, तुलसी व आंवले का रस पीने, जिंक युक्त दालें, सूखे मेवे, तिल, कद्दू व मशरूम, विटामिन-सी से युक्त चीजें खाएं। नीम, तुलसी, हल्दी, मुलैठी के साथ ऑलिव ऑयल व पिसी कालीमिर्च मिलाकर काढ़ा पीएं। इंफ्लुएंजीनम, जेलसेमियम, जैसी होम्योपैथी दवाएं इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दी जाती हैं।


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