विशेषज्ञों का कहना है कि उचित रोकथाम और उपचार के साथ ही एक आसान सी रक्त जांच 80 प्रतिशत से अधिक हेपेटाइटिस सी और 60 प्रतिशत से अधिक हेपेटाइटिस बी के मरीजों को बचा सकती है। नेशनल लिवर फाउंडेशन (एनएलएफ), मुंबई के संस्थापक ट्रस्टी समीर शाह ने बताया कि हेपेटाइटिस के अधिकांश मरीजों को इस बीमारी का पता उस स्टेज में आकर चलता है, जब यह असाध्य हो जाती है।
इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए इन जांचों के बारे में जानकारी होना जरूरी है। नेशनल लीवर फाउंडेशन एक गैर सरकारी संस्था है, जो भारत में लिवर की बीमारियों के प्रति जागरूकता का प्रचार और उसकी रोकथाम कर रही है। हेपेटाइटिस बी संक्रमण की गंभीरता के साथ ही आपके लिवर का स्वास्थ्य परखने के लिए कुछ जांच जरूरी हैं। मुंबई के ग्लोबल अस्पताल के हेप्टोलॉजी विभाग के प्रमुख शाह ने बताया कि हेपेटाइटिस बी सतह प्रतिजन (एचबीएसएजी) जांच दर्शाती है कि आप अन्य व्यक्तियों को आसानी से एचबीवी पास कर सकते हैं या नहीं।
उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस बी कोर प्रतिजन (एचबीसी विरोधी) प्रतिरक्षा जांच यह निर्धारित करती है कि आप पहले या अभी हेपेटाइटिस बी संक्रमण से ग्रस्त हैं या नहीं। इसी तरह हेपेटाइटिस सी
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