भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक समेत वैज्ञानिकों के एक समूह ने डिमेंशिया के इलाज के लिए नये तरीके का इजाद किया है जिसमें नयी मस्तिष्क कोशिकाओं के विकास की रफ्तार तेज करने के लिए मस्तिष्क के खास क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक संवेग भेजे जाते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि यह चिकित्सकीय विधि, जो गहरा मस्तिष्क उत्तेजन के नाम से जाना जाता है, दुनिया के कुछ हिस्सों में स्नायुविज्ञान विषयक बीमारियों जैसे ट्रेमर या डिस्टोनिया के इलाज में पहले से इस्तेमाल की जाती है। इस बीमारी में मांसपेशियों की अनैच्छिक सिकुड़न होती है और ऐंठन पैदा हो जाती है ।
उनके शोध से पता चला है कि बिजली की अत्यल्प मात्रा के इस्तेमाल से मस्तिष्क के अगले हिस्से को उत्तेजित कर नयी मस्तिष्क कोशिकाएं या न्यूरॉन का निर्माण किया जा सकता है। मस्तिष्क का अगला हिस्सा यादों को समेट कर रखने का काम करता है। मस्तिष्क कोशिकाएं बढ़ने से तनाव एवं दबाव कम होता है, चीजें सीखने और समझने की क्षमता सुधरती है और यादाश्त तेज होती है। इस शोध से उन मरीजों के लिए अनूठा इलाज विकसित होने का एक अवसर मिलेगा जो डिमेंशिया से जुड़ी स्थितियां जैसे अल्झाइमर बीमारी के कारण स्मृति विलोप से ग्रस्त हैं।