हाई ब्लड प्रेशर से हो सकते हैं दिल और किडनी के रोग

उम्रदराज लोगों में होने वाली हाई ब्लड प्रेशर की समस्या अब स्कूली बच्चों में देखी जा रही है। हाई बीपी के दौरान मरीज के शरीर में रक्त का प्रवाह अधिक तेज हो जाता है जिससे हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है।

हाई बीपी के कारण
शारीरिक तौर पर कम सक्रिय होना, हैल्दी डाइट न लेना, नमक अधिक लेना, तनाव, बढ़ती उम्र, आनुवांशिक कारण, मोटापा, धूम्रपान कारण हैं।

लक्षण
चक्कर आना, सांस फूलना, थकावट रहना, तनाव होना, नींद न आना, लगातार सिरदर्द होना,हृदय की धड़कन तेज होना।
बचाव
एक्सरसाइज है जरूरी
हार्ट रेट बढ़ाकर पसीना बहाना बीपी को नियंत्रित का अच्छा विकल्प है। इससे ब्लड पंप करने की क्षमता बढऩे के साथ दिल मजबूत होता है। एरोबिक वर्कआउट जैसे दौडऩा, रस्सी कूदना अच्छा विकल्प है।
न लें अतिरिक्त नमक
अधिक नमक लेने पर हार्ट को ब्लड पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है जिससे बीपी बढ़ जाता है।

यह भी रिस्क
किडनी डिजीज
ये किडनी के फिल्ट्रेशन सिस्टम को खराब कर यूरिन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा सकता है।
हार्ट डिजीज
हार्ट पर ज्यादा भार बढऩे पर हृदय से जुड़े कई रोग हो सकते हैं।

हाई बीपी से जुड़े अहम सवाल
किसी तरह की परेशानी या बीमारी महसूस नहीं होने का मतलब है कि हाई ब्लड प्रेशर नहीं है?
जवाब : हाई बीपी होने पर तुरंत किसी तरह की परेशानी महसूस नहीं होती है। यह धीरे-धीरे शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाता है। हार्ट व किडनी फेल होने के अलावा स्ट्रोक जैसी बीमारियां हो सकती हैं।एक्सरसाइज करने व डाइट बदलने से अगर हाई बीपी पर नियंत्रण कर लिया तो अब चिंता करने की जरूरत नहीं है?
जवाब : वजन कम करके, हैल्दी डाइट और एक्सरसाइज कर हाई बीपी से छुटकारा पाया जा सकता है। लेकिन व्यवस्थित जीवनशैली के साथ समय-समय पर बीपी जरूर चेक कराएं। बीपी नॉर्मल होने पर हाई बीपी की दवा लेनी जरूरी नहीं है?