नाक से होकर दिमाग की कई तरह की गांठों (ब्रेन ट्यूमर) को बाहर निकाला जा सकता है। ‘ट्रांस नेजल ट्रांससस्फेनोइडल एप्रोच’ नामक यह तकनीक दिमाग की गांठों का आसान इलाज है।
नाक के अंदर की ऊपरी दीवार दिमाग की निचली सतह से जुड़ी है। दिमाग का कुछ हिस्सा जैसे पिट्यूटरी ग्रंथि नाक के ऊपरी भाग स्फेनोइड साइनस से जुड़ा हुआ है, इसलिए नाक से इलाज संभव है। नाक के जरिए दिमाग की कुछ गांठें जैसे पिट्यूटरी ग्रन्थि के ट्यूमर और नाक की ऊपरी सतह पर स्थित स्कलबेस के कुछ ट्यूमर का इलाज होता है।
ये हैं फायदे
पिट्यूटरी ग्रंथि से शरीर की लंबाई, वजन नियंत्रित होते हैं। इसकी गांठ बढऩे से कई अंगों पर दबाव पड़ता है और आंखों की रोशनी भी जा सकती है। इस तकनीक में दिमाग की संरचना से छेड़छाड़ नहीं होती। चीरा नहीं लगता।
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