कई बार मरीज एक चिकित्सा पद्धति की दवाओं से आराम न मिलने या मर्ज से फौरन राहत पाने के लिए दो पैथियों का प्रयोग अपनी मर्जी से एक साथ करने लग जाते हैं। जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि इस संबंध में कुछ खास नियमों का ध्यान अवश्य रखा जाना चाहिए। जानते हैं इसके बारे में-
एक पैथी में इलाज कराएं
हर चिकित्सा पद्धति के इलाज का अपना वैज्ञानिक तरीका होता है। एक पैथी के विशेषज्ञ को दूसरी विधा के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती। ऐसे में दो तरह के इलाज एक साथ न लें इससे दुष्प्रभाव होने का खतरा रहता है।
असाध्य रोगों में फायदेमंद
सामान्य मौसमी बीमारियां जैसे खांसी, जुकाम, सिरदर्द व सामान्य बुखार आदि में होम्योपैथी उपचार के साथ अन्य पैथी से भी इलाज लिया जा सकता है। वहीं कैंसर, अस्थमा, गठिया जैसे असाध्य रोगों में अन्य पैथी के साथ होम्योपैथी का इलाज चमत्कारी प्रभाव देता है। लेकिन होम्योपैथी के साथ अन्य पैथी का इलाज शुरू करने से पहले चिकित्सक से परामर्श जरूर कर लें।
दुष्प्रभावों को कम करती है
आयुर्वेदिक या प्राकृतिक चिकित्सा से एलोपैथिक दवाओं के दुष्प्रभावों को आसानी से कम किया जा सकता है। इसलिए यदि आप एलोपैथी के साथ आयुर्वेदिक उपचार भी लेना चाहते हैं तो आयुर्वेद विशेषज्ञ को इस संबंध में जानकारी अवश्य दें ताकि मरीज यदि पहले से गर्म दवाओं का सेवन कर रहा है तो वे उसे उसी तासीर की औषधियां न दें।
Comments
2 responses to “जब दो पैथियों से एक साथ करा रहे हों इलाज, तो इन बातों के रखे ध्यान”