क्या आपको दही पसंद है, तो प्रचुर मात्रा में दही खाइए क्योंकि कम वसा वाले खमीरीकृत दुग्ध उत्पादों का सेवन, टाइप 2 मधुमेह का खतरा कम करता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज के वैज्ञानिकों ने पाया कि दही नहीं खाने की अपेक्षा अधिक मात्रा में दही खाने से टाइप 2 मधुमेह का खतरा 28 प्रतिशत तक कम होता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के महामारी विज्ञान इकाई के चिकित्सा अनुसंधान परिषद की नीता फोरौही ने बताया कि यह शोध इस बात पर प्रकाश डालता है कि विशेष खाद्य पदार्थ टाइप 2 मधुमेह से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और सार्वजनिक स्वास्थ्य संदेशों के लिए प्रासंगिक हैं।
शोध में नॉरफोक, ब्रिटेन में रहने वाले 25,000 पुरषों और महिलाओं को शामिल किया गया। शोध में ऐसे 753 लोगों में एक हफ्ते तक खाद्य पदार्थो और पेय की खपत के दैनिक रिकॉर्ड की तुलना की गई, जिनमें 11 वर्षों में टाइप 2 मधुमेह होने की संभावना थी।
इससे शोधकर्ताओं में पूर्ण दुग्ध उत्पादों की खपत से मधुमेह के खतरे के संबंध की जांच करने का विचार आया। शोध में पाया गया कि कम वसा वाले दही और पनीर जैसे खमीरीकृत दुग्ध उत्पादन की उच्च खपत करने वालों में 11 सालों में टाइप 2 मधुमेह की संभावना 24 प्रतिशत कम थी। खमीरीकृत दुग्ध उत्पादों से प्रोबायोटिक बैक्टीरिया और खमीरीकरण से जुड़े विशेष प्रकार के विटामिन `के` मधुमेह में लाभदायक हो सकते हैं।
Comments
12 responses to “मधुमेह का खतरा कम दही खाने से”