कड़ाके की सर्दी उच्च रक्तचाप के मरीजों तथा दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिये परेशानी का सबब बन सकती है और ऐसे में उन्हें साथ खान पान पर विशेष ध्यान देने के साथ तेल और मक्खन से बने खादय पदार्थों से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि जरा सी लापरवाही उन्हें अस्पताल पहुंचा सकती है।
सर्दियां बच्चों और बुजुर्गों के लिये तो खतरनाक होती हैं, उन लोगों के लिये सबसे अधिक परेशानी का कारण बन सकती हैं जो कि हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं या दिल की किसी बीमारी से पीड़ित हैं । डॉक्टरों के मुताबिक इस मौसम में शराब का इस्तेमाल कतई न करें क्योंकि शराब के सेवन से फौरी तौर पर तो ठंड कम लगेगी, लेकिन इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाएगा और ब्लड शुगर में भी वृद्धि होने से नुकसान होने का खतरा है। डाक्टरों के अनुसार ठंड के मौसम में पसीना नहीं आने से शरीर में नमक का स्तर बढ़ जाता है, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है ।
सर्दी में सामान्यत: शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं और लोग व्यायाम वगैरह से भी कतराते हैं जिससे रक्तचाप बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। यह बढ़ा हुआ रक्तचाप ब्रेन स्ट्रोक की आमद की दस्तक भी हो सकता है। रोगियों को सर्दी के मौसम में पराठे, पूरी और अधिक चिकनाई वाले खादय पदार्थों से बचना चाहिए। सर्दी में दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जो कभी कभी उस पर भारी पड़ जाती है ।
सर्दी भगाने के लिए शराब के अलावा गजक, रेवड़ी या तिल के लडडू से भी दूरी बनाए रखें। ठंड के मौसम में अस्पतालों के कार्डियोलोजी विभाग में अचानक मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हो जाता है और इसकी वजह आम तौर पर बदपरहेजी ही होती है।
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