मानव स्वास्थ्य के क्षेत्र में हाल ही में एक महत्वपूर्ण खोज हुई है, जिसमें पता चला है कि गर्भावस्था के दौरान मां के शरीर में `विटामिन ए` की कमी बाद में बच्चे के लिए अस्थमा के जोखिम को बढ़ा सकती है। कोलंबिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने गर्भावस्था के दौरान मां के शरीर में विटामिन ए की कमी और प्रसव के बाद बच्चे में अस्थमा के लक्षण के बीच पहली बार महत्वपूर्ण संबंध का पता लगाया है।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर (सीयूएमसी) के शोधकर्ताओं का कहना है कि `विटामिन ए` की कमी बच्चे के फेफड़े में वायु संचरण करने वाली नलिका की मांसपेशी में इस तरह के बदलाव आ जाते हैं, जिसके कारण वायु संवहन नलिका संकुचित हो जाती है, जो बाद में अस्थमा के जोखिम को बढ़ा देता है।
मुख्य शोधकर्ता वेलिंगटन वी. काडरेसो ने कहा कि हमारे शोधकर्ताओं को लंबे समय से इस बात को लेकर जिज्ञासा थी, कि एक ही तरह की परिस्थिति के बावजूद कुछ लोगों में अस्थमा का जोखिम अधिक क्यों होता है। उन्होंने कहा कि हमारी जांच के मुताबिक, विटामिन ए की कमी के कारण शारीरिक विकास के दौरान फेफड़ों में संरचनात्मक एवं कार्यात्मक असमानताएं श्वसन में अतिसंवेदनशीलता के लिए जिम्मेदार हैं। शोध के मुताबिक, भोजन में `विटामिन ए` की पर्याप्त मात्रा भारत सहित विश्व के दूसरे विकासशील देशों के लिए चुनौती है।
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