कैंसर के इलाज से बॉडी को हुए नुकसान से ऐसे बचें
लोगों को जितना डर कैंसर से होता है, उससे ज्यादा डर इसके इलाज के दौरान होने वाले कीमोथेरेपी और रेडियेशन थेरेपी के साइड-इफेक्ट्स से होता है। इन ट्रीटमेंट्स में बॉडी कई केमिकल्स से प्रभावित होती है, और उसे नुकसान पहुंचता है। इन नुकसानों में उल्टी, सिरदर्द, हेयर फॉल, स्किन ड्रायनेस के साथ पिगमेंटेशन, नींद न आना, कब्ज जैसे कई लक्षण दिखाई देते हैं।
कैंसर के इलाज के दौरान बहुत बार हेल्दी सेल्स भी इफेक्टेड होने लगते हैं। इससे नेचुरल इम्युनिटी कमजोर होने लगती है। बॉडी का नेचुरल डिफेन्स सिस्टम भी धीमा पड़ने लगता है। कैंसर से पीड़ित मरीज में इन्फेक्शन होने की आशंका लगातार बनी रहती है। ऐसे में कैंसर से जल्दी रिक्वरी के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है।
Other care: हेल्दी डाइट सबसे जरूरी, योग से होगा फायदा, ऑल्टरनेटिव रेमेडिज़ अपनाएं।
हेल्दी डाइट सबसे जरूरी:
कैंसर से जल्दी रिकवरी में डाइट अहम भूमिका निभाती है। डाइट को सुधारने के लिए फ्रेश, लाइट और होलसम फूड खाएं। वेजीटेरियन डाइट ज्यादा फायदेमंद होती है, क्योंकि यह जल्दी पच जाती है। होलग्रेन्स, पल्स, सीड, नट्स, पत्तेदार सब्जियां, अंडे का सफेद हिस्सा, लो-फैट दूध, बटरमिल्क आदि खाएं। सूप, जूस ज्यादा पिएं। रोज डेढ़ से दो लीटर पानी जरूर पिएं मतलब जितना हो सके उतना लिक्विड डाइट फॉलो करें।
योग से होगा फायदा:
आसन, प्राणायाम और ध्यान लगाने से शरीर को फायदा मिलेगा ही, साथ में दिमाग भी शांत रहेगा। नींद में सुधार आएगा और पूरा शरीर पॉजिटिविटी से भरपूर हो जाएगा। आपका दिमाग बीमारी से निकलकर दूसरी बातों की तरफ जाएगा, जिससे बीमारी से सफलतापूर्वक बाहर निकलना आसान बन जाएगा।
ऑल्टरनेटिव रेमेडिज़ अपनाएं: डॉक्टर से बात करने के बाद कैंसर के मरीज आयुर्वेदिक पंचकर्मा ट्रीटमेंट अपना सकते हैं। अगर कोई मरीज़ चाहता है कि उसका पूरा सिस्टम अंदर से अच्छे तरीके से साफ हो जाए तो नेचरोपैथी टेक्निक भी लाभदायक साबित होगी। आयुर्वेदिक और होमियोपैथी में कुछ ऐसे तरीके मौजूद हैं, जिनसे इम्युनिटी में सुधार लाना मुमकिन है। इतना ही नहीं इन तरीकों से शरीर में मजबूती आएगी। ताकत बढ़ेगी। काम करने के प्रति रुझान बढ़ेगा। खुशियां बढ़ेगी और सबसे जरूरी सोच सकारात्मक बनेगी। एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि जैसे ही कैंसर के बारे में पता चलता है तो व्यक्ति को इमोशनल सेटबैक मिलता है। आपके किसी जान पहचान के व्यक्ति को किसी भी प्रकार का कैंसर डायग्नॉज हुआ है तो उसके साथ रहें। जितना हो सकता है उतनी मानसिक सहयोग दें। इस वक्त में अपनों का साथ, उनका विश्वास ही सबसे बड़ी दवा साबित होती है। पीड़ित का भी कैंसर को हराकर जिंदगी दोबारा जीने का उत्साह बढ़ जाता है। वह बीमारी को अंत समझने की बजाय उसे एक नई शुरुआत की तरह लेने लगते हैं।